किसान है तो समाज है, गाँव हैं, शहर हैं, देश है…इस हकीकत को सियासत और समाज दोनों जानते हैं पर शायद पूरी तरह मानते नहीं…हम किसान के हक में खड़े हैं…बस आपका साथ चाहिए…गाँव देश के जरिए हम किसान, गाँव और समाज की समस्याओं, संघर्ष , जीवट, जिजीविषा और प्रेरणादायक कहानियों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं…हमारा लक्ष्य अर्जुन की तरह साफ है हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करने के लिए संकल्पित हैं…क्योंकि हम जानते नहीं मानते भी हैं कि किसान और गाँव हैं तो देश है…तो बस जुड़िए हमारे साथ…कीजिए हमारा सहयोग गाँव देश हमेशा करेगा गाँव की बात लेकिन देशहित के साथ…
